M. K. Gandhi
गांधी जी के सपनों का भारत गरीबी, निरक्षरता और अस्पृश्यता की बुराइयों से सर्वथा मुक्त है। उसमें जाति, वर्ग, धर्म अथवा संप्रदाय का भेदभाव नहीं है। स्त्री-पुरुषों में समानता है। हरेक को अपनी आवाज उठाने का हक है। देश के विकास में सभी का योगदान है, तो आजादी और समृद्धि का लाभ भी सबको प्राप्त है। आत्मानुशासित स्वराज्य का जो सपना गांधी जी ने देखा वह आज तो क्या, सदियों तक प्रासंगिक बना रहेगा। इस पुस्तक में गांधी जी ने अपने बुनियादी उसूलों के साथ यह भी स्पष्ट किया है कि वे देश के भावी राजनीतिक और सामाजिक विकास में कैसे सहायक होंगे।